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Showing posts from May, 2019

सुब्रत रॉय : निवेशकों को लूटने का माहिर खिलाड़ी!

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क्योंकि! एक स्कूटर मैकेनिक से लेकर अरबपति वो एक एक पैसा निवेशकों से रोजाना जमा करवा करके बना। क्योंकि! वो सारे एजेन्टों को और सारे निवेशकों को अपने परिवार का सदस्य मानता है, और खुद को उनका मालिक मानता है। क्योंकि! उसने निवेशकों का भरोसा बुरी तरह ही नहीं, बल्कि बहुत बुरी तरह तोड़ा है। क्योंकि! सहारा के बॉण्ड कन्वर्जन किये जा रहे हैं। उनका पैसा लौटाया नहीं जा रहा है। क्योंकि! वह बॉण्ड को कन्वर्जन करके सरकार को उल्लू बना रहा है। क्योंकि! एक निवेशक को भारी आर्थिक परे​शानियां होने के बावजूद भी पैसा नहीं दिया जा रहा है। क्योंकि! उसने बड़ी चालाकी से सरकार से पेरोल ले लिया। क्योंकि! उसके बैंक मैनेजर ही नहीं, बल्कि वह खुद निवेशकों को खामोश रहने की धमकी देते हैं। क्योंकि! उसने बड़ी चालाकी से एक बार फिर से एक एक पैसा लोगों से जमा करवाना शुरू कर दिया है। क्या सुब्रत रॉय ने निवेशकों का भरोसा नहीं तोड़ा है? जो निवेशक अपनी रोजाना की कमाई में से एक एक पैसा सहारा में जमा किये हैं, उनका पैसा आखिर क्यों लौटाया नहीं जा रहा है? उनसे कन्वर्जन करने के लिए क्यों कहा जा रहा है? उनसे ज...

Osho भारत के कोहिनूर!

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क्योंकि! वह बगावत के प्रतीक हैं। क्योंकि! उनका मानना है कि जब तक कोई भी चीज पूरी की पूरी जान न ली जाये तब तक उससे पार नहीं हुआ जा सकता है। क्योंकि! उन्होंने अमेरिका के ऑरेगॉन  में, जो कि रेगिस्तान था, 67000 एकड़ जमीन को मरूस्थल बना दिया। पूरा का पूरा शहर बसा दिया। क्योंकि! उनके 10 करोड़ से भी ज्यादा सन्यासियों में हॉलीवुड और बॉलीवुड के सुपरस्टार शामिल हैं। क्योंकि! वे जोरबा दि बुद्धा पर जोर देते हैं। पूरब और पश्चिम का मिलन! क्योंकि! वे कुछ छोड़ने के लिए नहीं कहते हैं। वे तो केवल जानने के लिए, समझने के लिए कहते हैं। क्योंकि! उन्होंने दुनियाभर के सारे मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखी है। क्योंकि! उनकी बुलन्द आवाज से थर्राकर अमेरिकन सरकार को कानून तोड़कर उन्हें जेल में डालना पड़ा। दुनिया का सबसे ताकतवर देश एक सन्यासी की आवाज से थर्रा गया? क्योंकि! उनकी आवाज को बन्द करने के लिए अमेरिकन सरकार को उन्हें जहर देना पड़ा। क्योंकि! उनको अमेरिका से निकालने के लिए कानून तोड़कर उनका वीजा रद्द करना पड़ा। ओशो! भारत से अमेरिका गए। क्योंकि उन्हें लगा कि वहां पर ज्यादा स्वतंत्रता ...