Osho भारत के कोहिनूर!


क्योंकि! वह बगावत के प्रतीक हैं।

क्योंकि! उनका मानना है कि जब तक कोई भी चीज पूरी की पूरी जान न ली जाये तब तक उससे पार नहीं हुआ जा सकता है।

क्योंकि! उन्होंने अमेरिका के ऑरेगॉन  में, जो कि रेगिस्तान था, 67000 एकड़ जमीन को मरूस्थल बना दिया। पूरा का पूरा शहर बसा दिया।

क्योंकि! उनके 10 करोड़ से भी ज्यादा सन्यासियों में हॉलीवुड और बॉलीवुड के सुपरस्टार शामिल हैं।

क्योंकि! वे जोरबा दि बुद्धा पर जोर देते हैं। पूरब और पश्चिम का मिलन!

क्योंकि! वे कुछ छोड़ने के लिए नहीं कहते हैं। वे तो केवल जानने के लिए, समझने के लिए कहते हैं।

क्योंकि! उन्होंने दुनियाभर के सारे मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखी है।

क्योंकि! उनकी बुलन्द आवाज से थर्राकर अमेरिकन सरकार को कानून तोड़कर उन्हें जेल में डालना पड़ा। दुनिया का सबसे ताकतवर देश एक सन्यासी की आवाज से थर्रा गया?

क्योंकि! उनकी आवाज को बन्द करने के लिए अमेरिकन सरकार को उन्हें जहर देना पड़ा।

क्योंकि! उनको अमेरिका से निकालने के लिए कानून तोड़कर उनका वीजा रद्द करना पड़ा।

ओशो! भारत से अमेरिका गए। क्योंकि उन्हें लगा कि वहां पर ज्यादा स्वतंत्रता है। लेकिन! वहां पर जाकर उन्हें महसूस हुआ कि अमेरिका में बाहर का कोई भी व्यक्ति जाकर अपनी आवाज बुलन्द नहीं कर सकता है। उसे वहां रहना है तो खामोश रहना होता है। बाहर का कोई भी व्यक्ति जाकर अमेरिका में अपनी आवाज बुलन्द करे, शहर बसा दे, तब तो इसे अमेरिकन सरकार अपने अभिमान पर चोट मानती है।

गौतम बुद्ध भारत में पैदा हुए। लेकिन! क्या गौतम बुद्ध को भारत में वह सम्मान मिला जो चीन, बर्मा, जापान, श्रीलंका और थाईलैण्ड जैसे देशों में मिला?

भारत के कोहिनूरों को भारत में वह सम्मान कभी नहीं मिला ​जो कि मिलना चाहिए था।

भारत अभी भी गरीबी से जूझ रहा है और इसके पीछे हम लोग खुद ही जिम्मेदार हैं।

हमने कभी भी जिन्दा लोगों की बातों को नहीं सुना। सिर्फ मरे हुए लोगों की पूजा किया, उनकी मूर्तियां बनायी।

ओशो भारत में जन्में। भारत में ही मरे। हालांकि बुद्धपुरूष कभी मरते नहीं हैं। लेकिन कितने लोग हैं जो ओशो को जानते हैं? कितने लोग हैं जिन्होंने उनकी बातों को समझा है?

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